ले मशाल चल पडे है, लोग मेरे गांव के.....




ले मशाल चल पडे है, लोग मेरे गांव के,
अब अँधेरा जीत लेगे, लोग मेरे गांव के


पूछती है झोपड़ी ओर पूछते है खेत सभी,
कब तक लुटते रहेंगे, लोग मेरे गांव के


चीखती है हर रुकावट, टुकडों की मार से,
बेड़ीया खनका रहे है, लोग मेरे गांव के


लाल सूरज अब उगेगा देश के, हर गांव मे,
अब इकठा होने लगे है, लोग मेरे गांव के


देखो यारो जो सुबह लगती है फीकी आज कल,
लाल रंग उसमे भरेंगे आज, लोग मेरे गांव के

0 Comments so far »